Thursday, January 27, 2022

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी

 


 अनेक भाषाएं, अनेक बोलियाँ, एक स्वर...

अनेक पंथ, अनेक पथिक, एक ही रंग रुधिर...


अनेक योग्यताएं, अनेक भिन्नताएं, राष्ट्रप्रेम शुचि...

अनेक मानस, अनेक आचार-विचार, एक ही रुचि...


अनेक श्वास, अनेक स्पंदन, एक हृदय...

अनेक खान-पान, अनेक स्वाद, एक ही पवन मलय...


विविध रंग की मणियों को एकसूत्र करनेवाला हमारा संविधान, और उससे जनित सुंदर और सुरम्य हमारे गणतंत्र की माला...

गणतंत्र दिवस ही हार्दिक शुभकामनाएं...


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