अनेक भाषाएं, अनेक बोलियाँ, एक स्वर...
अनेक पंथ, अनेक पथिक, एक ही रंग रुधिर...
अनेक योग्यताएं, अनेक भिन्नताएं, राष्ट्रप्रेम शुचि...
अनेक मानस, अनेक आचार-विचार, एक ही रुचि...
अनेक श्वास, अनेक स्पंदन, एक हृदय...
अनेक खान-पान, अनेक स्वाद, एक ही पवन मलय...
विविध रंग की मणियों को एकसूत्र करनेवाला हमारा संविधान, और उससे जनित सुंदर और सुरम्य हमारे गणतंत्र की माला...
गणतंत्र दिवस ही हार्दिक शुभकामनाएं...
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